सगुण साकार ईश्वरीय रूप
या हमारे स्वार्थ की मूरत
सगुण साकार व् निर्गुण निराकार
सगुण साकार को समझने के लिए, प्यार, अधिकार और भोग या योग का भेद जानना जरूरी हो जाता है,
! प्यार या अधिकार !
! Love OR Authority / Right !
प्रेम - भोग या योग ?
LOVE - Material Attachment or Material Abstraction
क्या तुम हमसे प्यार नहीं करते ? तो हमारी बात क्यों नहीं मानते ?
देखो हम तो तुम्हारी सब बातें मान लेते हैं, क्योंकि हम तो तुमसे बहुत प्यार करते हैं !!
अरे ! कैसे नहीं मानोगे ? जब हम कह रहें हैं तो आप मना कैसे कर सकते हो !
बस इतना ही हमारा मान है , बस इतना ही प्यार है ,
या
अरे, वह तो करेंगे ही,बहुत मान देते हैं, बहुत प्यार है !!
आप बस हमारा नाम ले लीजियेगा, बात बन जाएगी !!
ये एक बहुत ही सामान्य वार्ता है जो हम हर रिश्ते में लाड़ से या हक़ से इस्तेमाल करते हैं ,
अपने बच्चों से , भाई बहन , माता पिता , पति पत्नी , सगे संबंधियों, दोस्तों आदि से ,
I care about you cause I love you ..
what a common phrase
used in every and all kind of relationships we nourish ,
पर क्या ये प्रेम की अवस्था है
या ये रिश्तों की वह जमीं है जहाँ हमारे जानकार को प्रेम परीक्षा देनी है ?
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