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Thursday, June 20, 2019

परम् प्रेम के पाले पड़ के प्रभु को नियम बदलते देखा !!

 

प्रभु हमारे हम प्रभु के,

प्रेम संबंध ही सबसे ऊंचा,


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शास्त्र पंडित सब मन का डर बस ,
प्रभु प्रेम नहीं नियम समझता
वचन दिया दुर्योधन को ,
नहीं उठाऊंगा मैं शस्त्र,
फिर भी बीच युद्ध के चलते ,
प्रभु को सुदर्शन चक्र उठाते देखा 
अपना मान टले टल जाये 
भक्त का मान ना टलते देखा
   !! परम् प्रेम के पाले पड़ कर 
प्रभु को नियम बदलते देखा !!

 असीम बहन प्रेम में अंधा होकर,
प्रभु से,जगत ने,जिसे
सिर्फ वैर लेते देखा,
प्रेम देव श्री कृष्ण को उसी भाई के प्रेम को नमन करते देखा,
करा आकाशवाणी
कंस को उद्धार मार्ग दिखाया,
हमने तो,
प्रभु लीला के जनक को
प्रभु के हाथों तरते देखा

  !! परम् प्रेम के पाले पड़ कर

प्रभु को नियम बदलते देखा !!

    
 वासुदेव देवकी 
को जन्मा बालक पर,
“नंद घर” आनंद भयो
जय कन्हैया लाल की,
बृज को नारा लगाते देखा,
लीलाधर की लीला को 
यशोदा आंगन बरसते देखा,
जन्मदायनी या प्रेमदायनी,
दोनों का अंतर बताते देखा

 !! परम् प्रेम के पाले पड़ कर 

प्रभु को नियम बदलते देखा !!

 
जिनके अंगूठे का स्पर्श पा कर,
प्रचंड जमुना,
पल भर में शांत हुई,
जिनके कोमल अधरों के स्पर्श से,
पूतना तरी और 
भव सागर से पार हुई,
उन्हीं  विश्वधारी प्रभु को 
यशोदा जी से रस्सी में बंधते देखा 

!! परम् प्रेम के पाले पड़ कर 

प्रभु को नियम बदलते देखा !!

      
जिनको लगता छप्पन भोग,
भक्त चढ़ाते ना जाने क्या क्या रोज़
       उन्हीं गोविंद को 
गोपियों के घरों से,
रोज़ माखन चुराते देखा,
अपना मान टले टल जाए 
भक्त का मान ना टलते देखा
!! परम् प्रेम के पाले पड़ कर 
प्रभु को नियम बदलते देखा !!

   जिनका ध्यान करें हैं शम्भु,
पूजैं,सनकादिक,ऋषि, मुनि,
समस्त जीव और जन्तु,
उन्हीं को ग्वाल गोपों के संग,
गेंद को लेकर मचलते देखा,

!! परम् प्रेम के पाले पड़ कर 

प्रभु को नियम बदलते देखा !!

 

जिनकी केवल कृपा दृष्टि से,
समस्त जगत है पलता आया,
युगों युगान्तर से जो जगत का
पालन पोषण करता आया 
उन्हीं नटवर नागर को 
गोकुल के माखन पर,
सौ-सौ बार ललचाते देखा,

!! परम् प्रेम के पाले पड़ कर

प्रभु को नियम बदलते देखा !!


कालिया नाग का दम्भ
जिनके बल से शांत हुआ,
अभिमानी इंद्र को भी जिनसे 
सहृदय का ज्ञान हुआ 
उन्ही गिरधारी प्रभुवर को,
सुदामा के पग धोते देखा , 

!! परम् प्रेम के पाले पड़ कर 

प्रभु को नियम बदलते देखा !! 


महाबली,महापराक्रमी,
 अचूक योद्धा,है जो 
जगत का रक्षाकर्ता,
        जिसने जरासंघ को 
युद्ध में,सत्रह बार 
जगत कल्याण पर छोड़ा,
अठाहरवीं बार 
क्या मार नहीं सकता था उसको ??
मथुरा छोड़ी,
ब्राह्मण मथुरा रक्षा को,
पर,
ताना जगत का 
रणछोड़ दास”
स्वीकारते देखा,
अपना मान टले टल जाय 
भक्त का मान ना टलते देखा ,
!! परम् प्रेम के पाले पड़ कर

 प्रभु को नियम बदलते देखा !!


जिनके स्वामित्व में चतुरंगी सेना,
त्रिकालदर्शी,त्रिलोक स्वामी जो,
सबसे बड़ा बैरागी 
और इन्द्रियों के स्वामी को
संसार के पहले प्रेम पत्र पर 
मन ही मन हर्षाते देखा
रुक्मणी को विवाह स्थल से
स्वयं जा कर हरते देखा
अपना मान टले टल जाए 
भक्त का मान ना टलते देखा

!! परम् प्रेम के पाले पड़ कर 

प्रभु को नियम बदलते देखा !!


कोमल अंगी,श्यामल वर्ण 
हैं जो जगत के कर्ता भर्ता ,
मास दिवस कुछ भी ना सोचा
बन बैठे अर्जुन के सेवक
सेवा कर्ता
प्रेम नमन से बना
  "सारथी", 
जिसको
"धीश",“द्धारका"
का बनते देखा,
 अपना मान टले टल जाये 
भक्त का मान ना टलते देखा,
!! परम् प्रेम के पाले पड़ कर
 प्रभु को नियम बदलते देखा !!



!! परम् प्रेम के पाले पड़ कर 
प्रभु को नियम बदलते देखा !!

।। क्रमश: ।।

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