Came across this message which reminded me of verses from Gita about human conduct...And also realising once again as how Gita ji is so close and factual about situations in everyone's life...
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मान लीजिए आप चाय का कप हाथ में लिए खड़े हैं और आपको धक्का लग जाता है, तो क्या होता है? आपके कप से चाय छलक जाती है। अगर आप से पूछा जाए कि आप के कप से चाय क्यों छलकी? तो आप का उत्तर होगा क्योंकि मुझे धक्का लगा।
गलत -
सही उत्तर ये है कि आपके कप में चाय थी इसलिए छलकी। आप के कप से वही छलकेगा जो उसमें है।
इसी तरह जब ज़िंदगी में हमें धक्के लगते हैं लोगों के व्यवहार से, तो उस समय हमारी वास्तविकता ही छलकती है। आप का सच उस समय तक सामने नहीं आता, जब तक आपको धक्का न लगे, तो देखना ये है कि जब आपको धक्का लगा तो क्या छलका ?
धैर्य, मौन, कृतज्ञता, स्वाभिमान, निश्चिंतता, मानवता, गरिमा,
या
क्रोध, कड़वाहट, पागलपन, ईर्ष्या, द्वेष, घृणा इत्यादि।
श्री गीता जी: 17/14-16
देवद्विजगुरुप्राज्ञपूजनं शौचमार्जवम्।
ब्रह्मचर्यमहिंसा च शारीरं तप उच्यते।।17.14।।
देवता, ब्राह्मण, गुरुजन और जीवन्मुक्त महापुरुष का पूजन करना, शुद्धि रखना, सरलता, ब्रह्मचर्य का पालन करना और हिंसा न करना - यह शरीर सम्बन्धी तप कहा जाता है। - 17.14
Austerity of the body consists in worship of the Supreme Lord, the brahmanas, the spiritual master, and superiors like the father and mother, and in cleanliness, simplicity, celibacy and nonviolence. (BG..17.14)
अनुद्वेगकरं वाक्यं सत्यं प्रियहितं च यत्।
स्वाध्यायाभ्यसनं चैव वाङ्मयं तप उच्यते।।17.15।।
उद्वेग न करने वाला, सत्य, प्रिय, हितकारक भाषण तथा स्वाध्याय और अभ्यास करना -- यह वाणी-सम्बन्धी तप कहा जाता है। -17.15
Austerity of speech consists in speaking words that are truthful, pleasing, beneficial, and not agitating to others, and also in regularly reciting Vedic literature..(BG..17.15)
मनःप्रसादः सौम्यत्वं मौनमात्मविनिग्रहः।
भावसंशुद्धिरित्येतत्तपो मानसमुच्यते।।17.16।।
मन की प्रसन्नता, सौम्य भाव, मननशीलता, मनका निग्रह और भावों की शुद्धि - इस तरह यह मन-सम्बन्धी तप कहा जाता है। - 17.16.
And satisfaction, simplicity, gravity, self-control and purification of one’s existence are the austerities of the mind. (BG..17.16)
हम कैसे कर्मयोगी रह कर भी तपस्वी बन सकते हैं, स्वयं निर्धारित करें।
🙏🌹राधे राधे🌹🙏
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