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Friday, September 7, 2018

!! मैं हूँ तुम्हारा !!


हे हरि,
पुकारा तुमने किसको ??

जब अभी जन्मे बालक से ,
माँ का दूध छुटा , पिता ले के चले ,
हे हरि ,
 पुकारा तुमने किसको ??

 जब तभी जन्मे बालक को प्रचंड यमुना ,
वेग से , मिलने को आतुर
तुम्हारे शरीर तक पहूँची ,
तुम अबोध
हे हरि,
  पुकारा तुमने किसको ??

  कहते हैं जन्मदायिनी 
माँ और औलाद का
अनकहा सम्बंध है ,
नवजात माँ को महसूस कर लेता है ,
पर जब तभी जन्मे तुमने
जन्मदायिनी माँ का स्पर्श नहीं पाया ,
हे हरी,
  पुकारा तुमने किसको  ??

 तरसता माँ को वह नवजात शिशु ,
जब छला जा रहा था,
 माँ के नाम पर पूतना से
हे हरि
  पुकारा तुमने किसको ??

 क्या अजीब दास्तां है,
जो छला गया जन्म से 
पुकारता संसार उसे ही
"छलिया ",
जब मिला तुम्हें ताना ये ,
हे हरि,
  पुकारा तुमने किसको ??

 और जब अपने ही कुल को लीलने,
हुए मज़बूर तुम
उस संकट भरी बेला में,
हे हरि 
  पुकारा तुमने किसको ??

 अल्पज्ञ , अधम , अज्ञानी , अदना ,
यूँ तो निर्बल है ये दास  , 
पर अपने दर्द बाँटने कभी,
 हे हरि,
 पुकारो तो एक बार ,
  जानते हो तुम "सनम
  ये "सनम" है तुम्हारा 

🌹🙏🏻राधे राधे🙏🏻🌹


2 comments:

  1. सुन्दर प्रयास! Keep it up.

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  2. सुन्दर प्रयास! Keep it up.

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