हे हरि,
पुकारा तुमने किसको ??
पुकारा तुमने किसको ??
जब अभी जन्मे बालक से ,
माँ
का दूध छुटा
, पिता ले के
चले ,
हे हरि ,
पुकारा तुमने किसको ??
जब तभी जन्मे बालक को प्रचंड यमुना ,
वेग से ,
मिलने को आतुर,
तुम्हारे शरीर तक
पहूँची ,
तुम अबोध
,
हे हरि,
पुकारा तुमने किसको ??
कहते हैं जन्मदायिनी
कहते हैं जन्मदायिनी
माँ और औलाद
का
अनकहा सम्बंध है ,
अनकहा सम्बंध है ,
नवजात माँ
को महसूस कर
लेता है ,
पर
जब तभी जन्मे
तुमने
जन्मदायिनी माँ का स्पर्श नहीं पाया ,
जन्मदायिनी माँ का स्पर्श नहीं पाया ,
हे हरी,
पुकारा तुमने किसको ??
तरसता माँ को
वह नवजात शिशु
,
जब छला जा
रहा था,
माँ
के नाम पर
पूतना से ,
हे हरि ,
पुकारा तुमने किसको ??
क्या अजीब दास्तां
है,
जो छला गया
जन्म से
पुकारता संसार उसे ही
"छलिया ",
"छलिया ",
जब मिला
तुम्हें ताना ये
,
हे हरि,
पुकारा तुमने किसको ??
हुए
मज़बूर तुम
उस संकट भरी
बेला में,
हे हरि
पुकारा तुमने किसको ??
अल्पज्ञ , अधम , अज्ञानी , अदना ,
यूँ तो निर्बल
है ये दास
,
पर अपने दर्द
बाँटने कभी,
हे हरि,
हे हरि,
पुकारो तो एक
बार ,
जानते हो तुम
"सनम"
ये "सनम" है तुम्हारा
🌹🙏🏻राधे राधे🙏🏻🌹
🌹🙏🏻राधे राधे🙏🏻🌹
सुन्दर प्रयास! Keep it up.
ReplyDeleteसुन्दर प्रयास! Keep it up.
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